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विधार्थियों के लिये ज्योतिष का महत्व व लाभ

   
जय गुरुजी ।
ॐ साईं राम ।

विधार्थियों के लिये ज्योतिष का महत्व व लाभ

विद्या को धन कहा गया है। इसलिए इसका महत्व आज और हमेशा रहेगा। सारे प्रयास के बाद भी शिक्षा मे तरह तरह की बाधा आती रहती हैं। आजकल माता पिता भी हर सम्भव प्रयास करते हैं कि उनकी संतान अच्छा परीक्षाफल लाए। ये ब्लॉग विशेषकर बोर्ड परीक्षार्थियों को ध्यान में रखते हुए लिखा गया है।

साधारण रूप से ज्योतिष शास्त्र में दूसरे ओर पांचवें भाग से इसका अध्ययन किया जाता है। परन्तु आज ज्योतिष चक्र मे बोर्ड विद्यार्थियों को ध्यान में रख कर कुछ उपाय और मंत्र बताए जा रहे हैं आशा है कि यह  विद्यार्थियों ओर उनके माता पिता की उम्मीदों पर खरे उतरँगे।

कुछ साधारण बातों को भी बताना जरूरी है जो विद्यार्थियों व उनके माता पिता दोना के लिए जरूरी है।

  • बच्चों पर परीक्षा का दबाव न बनाये।
  • घर में शांत वातावरण रखें।
  • कभी भी अध्ययन कक्ष मे बड़ा आइना न लगाये ।
  • पलंग के सिरहाने को हमेशा दक्षिण या पश्चिम की तरफ रखें।
  • कबाड़, पुराना सामान (इलेक्ट्रॉनिक) व पुरानी किताब को अध्ययन कक्ष में न रखें।
  • अध्ययन करते वक्त अपना मुँह उत्तर या पूर्व की तरफ़ रखें।
  • परछत्ती या बीम के नीचे बैठ कर न पढे।

मंत्र और उपाय

अब हम कुछ मंत्र और साधारण उपाय बता रहे हैं। ये ध्यान में रखते हुए की वो करने आसान हों।

मंत्र 

एकाग्रता हेतु

ॐ सोम सोमाय नमः (माँ के चरण स्पर्श अवश्य करें)

स्मरण शक्ति के लिए

ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः

विघ्न निवारण मंत्र

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः
निर्विघ्न कुरुमे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।

सर्व बाधा मुक्ति एवम ज्ञान वर्धक गायत्री मंत्र

ॐ भुर्वभ: सुवः ततसुवितुवरेनियं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात।

उपाय (इसके साथ बच्चों को पढ़ने की भी जरूरत है।)

जो विषय कठिन लगता हो उसकी क़िताब में गणेश जी का चित्र औऱ 11 दूर्वा रखें।

परीक्षा के दिनों में मीठा दही रोजाना ले परंतु समय बदल कर जैसे आज 7 बजे लिया है तो अगले दिन 8 बजे लें। एक- एक घंटा आगे बड़ते जाए।

ध्यान लगाने का अभ्यास करें।

परीक्षा केंद्र में जाते समय और उसके बाद परीक्षाकक्ष के दरवाजे से कुछ पहले ही बोलें:

प्रबसी नगर कीजै सब काजा
ह्रदय राखए कौसल पुर राजा।

उत्तर पुस्तिका मिलने पर और जवाब लिखने से पहले बोलें:

जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी,
कवि उर अजिर नचावहिं बानी।

अथवा

मोरि सुधारिहीं सो सब भांती,
जासु कृपा नहि कृपा अघाती ।

परीक्षा में वार अनुसार उपाय

सोमवार 

भगवान शिव का ध्यान करते हुए
सफलता की कामना करते हुए
शिवलिंग पर पान का पत्ता अर्पित करें।

मंगलवार

हनुमानजी को गुड़ चना का भोग लगाएं साथ ही तुलसी के पत्ते अर्पित करें।
गुड़ चने का प्रसाद खा कर परीक्षा के लिए जाएं।

बुधवार

साबुत धनिया चबा कर जाए।

गुरुवार

केसर का तिलक मस्तक पर लगए।

शुक्रवार

लक्ष्मी देवी को साबूदाने की खीर का प्रसाद लगाएं और खाकर जाएं।

शनिवार

राई के कुछ दाने अपने साथ ले कर परीक्षा देने जाएं।


ये तो थे कुछ उपाय और मंत्र | साथ ही अपनी सेहत का ध्यान रखना और हल्का और पौष्टिक खाना खाना चाहिए। बदपरहेजी से बचना चाहिए। परीक्षा के समय स्वस्थ रहना ही हितकर है।

उपरोक्त उपाय तभी कारगर और उपयोगी होंगे जब आप इन का प्रयोग विधिवत करेंगे और परीक्षा में अत्यधिक मेहनत कर अपने लक्ष्य की प्राप्ति करेंगे।

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